Dhaaraa370

Thursday 25 April 2019

पंचकोश साधना An inward journey with Shri Lalbihari Singh (Panchkosh Researcher)




तमाम चुनौतियों के मद्देनजर, श्री लालबिहारी सिंह (बाबूजी) का हैदराबाद प्रवास एवं चार दिनों का पंचकोश साधना कार्यशाला महाकाल के उग्र घोषणा का हीं परिणाम था. परम पूज्य गुरुदेव श्री राम शर्मा आचार्य जी सूक्ष्म संरक्षण में तीन अलग अलग स्थानों पर कार्यशाला का सफल आयोजन अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है.
पंचकोश साधना 

यह एक शुभ संकेत है कि आनेवाले दिनों में युगद्रष्टा, तपोनिष्ठ, प्रज्ञावतार परम पूज्य गुरुदेव श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा सर्वसुलभ किये गए गायत्री विज्ञान का पंचकोश साधना  आम और खाश, बच्चे और बुजुर्ग, पुरुष और महिला, स्वस्थ और रोगी, गरीब और अमीर, वैज्ञानिक और निरक्षर, जवान और किसान सबके जीवन में एक खुशनुमा रोशनी लेकर आनेवाला है. युगपरिवर्तन की इबारत लिखी जाने लगी है. युग सैनिकों ने कमान सम्हाल लिया है और निकल पड़े हैं धरती पर सतयुग के अवतरण की गुरु वचन को पूरा करने के लिए.

पहले दो दिन का कार्यक्रम Dy CDA एवं युवा साथियों की गरिमामयी उपस्थिति में लेखानगर, सभागार में हुआ. लोगों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया. ख़ुशी इस बात की है कि बच्चे भी इस साधना में बढ़ चढ़ कर भाग लिए और सभा में उपस्थित लोगों को भरोसा दिलाया कि वे इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल करेंगे. 




अभिभावकों के लिए इससे बढ़कर ख़ुशी की बात क्या हो सकती थी कि जो काम वे नहीं कर पा रहे थे, वही काम बाबूजी के एक सत्र ने संभव कर दिया.


तीसरे दिन का कार्यक्रम BHEL Research and Development Centre, Hyderabad के सभागार में मानव संसाधन विकास विभाग (HRD) के उप महा प्रबंधक (Dy. General Manager) श्री मती सरस्वती मैडम एवं युवा अभियंताओं की वैज्ञानिक सोच को पदार्थ विज्ञान से परे चेतना विज्ञान के विभिन्न पहलुओं से रूबरू कराया. 
इस कार्यक्रम में आई टी सेक्टर के कई युवा इंजिनियर भी शामिल हुए.

चौथे दिन का कार्यक्रम Natco Pharmaceutical Research and Development Centre में हुआ. डॉ प्रसन्ना गारू , प्रबंधक श्री आनंद गारू सहित १०० से ऊपर रिसर्च वैज्ञानिकों के समक्ष वैज्ञानिक अध्यात्मवाद, पंचकोश विज्ञान एवं मेडिकल साइंस के बीच स्पष्ट संबंधों को बाबुजी ने सहज तरीके से समझाया और सफल एवं सुखद जीवन के सूत्रों को कुछ इस प्रकार बताया.




संसार की सबसे प्रमुख जरुरतों में से कुछ को चुना जाए तो वो निम्नलिखित हो सकती हैं.

         १.      Holistic health (Everlasting youthfulness )
      २.      Everlasting energy level
      ३.      Higher IQ (Intelligence Quotient)
      ४.      Balanced EQ (Emotional Quotient)
      ५.     Superior SQ (Spiritual Quotient)



बाबूजी ने चुटीले अंदाज में गुरुदेव के उस बयां को दुहराया जिसमे आज के लोगों का फीगर देखकर वे कहा करते थे कि आज कल रोड पर ढेरों चलते फिरते नाशपाती नजर आते हैं. अर्थात स्वास्थ्य एक गंभीर समस्या बन गया है.
व्यक्ति बहुत जल्दी थक रहा है. संवेदनहीनता के कारण आपसी सम्बन्ध बिगड़ रहे हैं, आतंकवादी घटनाये एवं अपराध चरम पर है, समाज एवं पर्यावरण के प्रति सम्वेदानहीनता से प्रदुषण बढ़ा है, पौधे काटे जा रहे हैं.
इन सबका इलाज है ऊपर के पाँचों विभागों को ठीक रखना जो कि पंचकोश साधना से यूँ हीं किया जा सकता है.

श्री लाल बिहारी बाबूजी ने खुद का उदहारण प्रस्तुत करते हुए दावा किया कि यह सब कुछ पाया जा सकता है और जिंदगी के सारे व्यस्तताओं के बीच पाया जा सकता है. उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि कोई भी रोग,शोक, अभाव उन्हें नहीं सता सकता, क्यूंकि उन्होंने अपने पांच कोशों को साध लिया है. आइये बाबूजी के मार्गदर्शन में पंचकोश की यात्रा में आगे चलते हैं. पंचकोश विज्ञान के अनुसार हमारी आत्मा पांच आवरणों के अन्दर बसा है. जो कि निम्नलिखित हैं.




           १.      अन्नमय कोश   or Physical body (Bio Plasmic body)
         २.      प्राणमय कोश or Etheric body (bio electric body)
         ३.      मनोमय कोश  or Astral body (Bio magnetic body)
         ४.      विज्ञानमय कोष  or Cosmic body (personality)  
          ५.      आनंदमय कोश  or Causal body (Consciousness)

बाबूजी ने इन कोशों की शुद्धिकरण से जुड़े तकनीक एवं उसके फायदे बताये जो नीचे दिए जा रहे हैं.

आगे अध्यात्म विज्ञान में दर्शाए गए चक्रों कि वैज्ञानिकता बताते हुए उन्होंने दिखाया कि महत्वपूर्ण ग्लैंड्स और चक्रों के बीच एक सम्बन्ध है जिसे वही समझ सकता है तो वैज्ञानिक अध्यात्म के सिद्धांतों को समझा है.




इस प्रकार यह पूरी तरह स्पष्ट है कि अध्यात्मिक चक्र कुछ और ना होकर आज का वैज्ञानिक ग्लैंड्स हीं है और हमारे पंचकोश साधना के अंतर्गत वैसे तकनीक हैं जिससे इन ग्लैंड्स को स्वस्थ बनाये रखकर जीवन भर निरोग रहा जा सकता है

APMB (आसन, प्राणायाम, मुद्रा और बंध) जैसे अध्यात्मिक तकनीक को कोई भी अपना सकता है जिसका प्रत्यक्ष उदहारण बाबूजी ने पेश किया. उन्होंने दिखा दिया कि दुनियावी जीवन जीते हुए भी ७५ वर्षों की आयु में, दुर्घटना से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए शरीर से भी कठोर आसन किया जा सकता है.



अगर आप में से कोई भी पंचकोश साधना का लाभ लेना चाहते हैं तो निचे दिए लिंक पर


पांच वर्षीय पञ्च कोश साधना कोर्स में दाखिला ले सकता है और बाबूजी के दिशा निर्देश में जीवन को शानदार बना सकता है.

Wednesday 17 April 2019

Kanhiaya a framed personality




मोदी और शाह से देश को बचाना है 

आज हिंदुस्तान एक विचित्र राजनीतिक दौर से गुजर रहा है. देश को बचाने के लिए मानों राजनेताओं में होड़ लगी है. रंगमंच सजा हुआ है. सारे नौटंकीबाज अपने अभिनय से जनता को कुप्रभावित करने की पूरी कोशिश में लगे हैं.सब लोग हड्डी तोड़ मेहनत कर रहे हैं.

देशप्रेम के इस रोमांचक दौड़ में सबसे आगे और सबसे अभागे भी हैं, आपके धरती के सबसे बड़े लाल ...सलामी, प्रखर,प्रचंड एवं महा प्रपंची डॉक्टर कन्हैया कुमार. सुना है बचवा देश के बेगुसराय बार्डर पर देश बचाने की लड़ाई लड़ रहा है. अपने जिग्नेशों,अनिर्बानों और उम्र खालिदों को युद्ध के लिए तैयार करने के लिए दिए गए भाषण में जब वो बोल रहे थे, मेरे तो कान के आँखों से अविरल आंसू के धार बहने लगे. सेनापति जी कह रहे थे, “ आज लड़ाई पार्टी बचाने की नहीं हैं बल्कि देश के संविधान बचाने की है, लड़ाई लाल झंडा बचाने की नहीं है बल्कि तिरंगा झंडा बचाने की है, पार्टी आएगी जायेगी पर देश बचना चाहिए. ओह !इतना ओजस्वी और देशप्रेम से ओतप्रोत भाषण.

सच कहें बउआ  आप जे एन यु प्रांगण का याद दिला दिए. क्या फिजां था, क्या समां था क्या देशप्रेमियों का जमघट था.

‘बस रे बाऊ करेजा निकाल के कटोरा में रख दिए हो तुम “
एक बार तो  अफजलवो सोच रहा होगा कि कमिनागिरी का ये वाला पाठ तो हमने इसको सिखैवो नै किये थे.

असुर राज अपने गुरु शुक्राचार्य को अपने घर में पाकर भावुक हो गए. गुरु और शिष्य के लोमड़ मिलाप के दौरान हो रहे विधवा विलाप को देखकर पाताल लोक में उनके वंशजों का दुःख और कई गुना बढ़ गया होगा. असुरराज कह रहे थे, क्या कहें गुरुदेव बेगुसराय के घर घर में फ्रेम्ड सवाल पहले से हीं पहुंचा दिए गए हैं. जहाँ भी जाता हूँ सब मुझे देशद्रोही कह कर पुकारते हैं, टुकडे टुकडे गैंग कह कर दुत्कारते हैं. आप हीं बताइए ये भी कोई तरीका होता है चुनाव लड़ने का.

आइये कलियुगी कन्हैया के अन्दर झांक कर देंखें कि ये आखिर ऐसा है तो क्यूँ हैं?

हजारों दलितों के ऊपर अत्याचार होते रहे, कर्णाटक में दलित मजदूरों को बंधक बनाकर शारीरिक शोषण होता रहे, मध्यप्रदेश आदिवासी महिला को प्रताड़ित किया जाता रहे, आगरा में दलित को मार कर फेंक दिया जाए, इसको कोई फर्क नहीं पड़ता बाद एक रोहित वेमुला कह दिया कि दलित प्रेम प्रदर्शन का सारा कोटा पूरा.
हिंदुस्तान में कई पत्रकारों कि हत्या हो गई, सिवान में बाहुबली सहाबुद्दीन के द्वारा पत्रकार राजदेव रंजन की दर्दनाक हत्या करावा दि गई, कोई बात नहीं, उसका चर्चा नहीं करेंगे बस गौरी लंकेश कि हत्या पर घडियाली आंसू बहा कर अपनी राजनितिक रोटी सेंकते रहेंगे.
मोहम्मद अयूब पंडित, एक पोलिस अधिकारी  जम्मू में मस्जिद के बाहर लिंच कर मार दिया गया, रेशमा को उसके घर में घुसकर इसके टुकडे प्रेमी गैंग के आतंकवादियों ने घर में चाय भी पिया और गोलियों से भून दिया, उसकी कोई चर्चा नहीं, कोई चिंता नहीं. बस अखलाक कि चर्चा करके अल्पसंख्यक प्रेमी बनने कि नौटंकी करते रहेंगे.
अरे तुमसे ज्यादा फ्रेम्ड तो कोई हो नहीं सकता कन्हैया. लेकिन याद रखना ये जे एन यु नहीं बेगुसराय है,

यहाँ के छौडन भींगाता है, तब धोता है और आखिर में सूखाता भी है.
गर्मी तो महसूस कर हीं रहे होगे.

Wednesday 3 April 2019

Manifesto of INC seen from a lighter point of view



घोषणा पत्र पर एक व्यंग्य


देखिए भैया, हम देश को नहीं छोड़ेंगे, बिलकुल नहीं छोड़ेंगे, देशवाशियों को भी नहीं छोड़ेंगे. जी हाँ इस हाल में बिल्कुल नहीं छोड़ेंगे इस लिए लेकर आयें हैं. वही पुरानी, जानी पहचानी शराब एक नए बोतल में.

KAAM-
दिन में चरवाहा का और रात में बैंड बजाने का काम हम सभी शिक्षित नागरिकों को देंगे, इसमें किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए. हम ये भी कोशिस करेंगे कि गैर कां  ग्रेस शासित प्रदेश की सरकारें भी इसे लागू करें.इससे देश की बेरोजगारी देखते हीं देखते उड़न छू हो जायेगी. “हर हाथ को काम” हमारा नारा था, है और सदियों तक रहेगा.

DAAM-  
७२००० रुपये प्रति वर्ष या ७२००० रुपये प्रति माह या ७२००० करोड़ प्रति माह. अभी थोड़ी कनफूजन है. सत्ता में आते हीं दूर कर देंगे. अपनी भी और आपकी भी. “गरीबी हटाओ” नारा से मेरा खानदानी रिश्ता रहा है इसलिए ये विषय मेरे दिल के बहूत करीब है.

SHAAN
आप जब चाहें, जहाँ चाहें, जैसे चाहें,
“ भारत तेरे टुकडे होंगें- इंशा अल्लाह इंशा अल्लाह” का नारा शान से लगा सकेंगे,
 कोई मां का लाल पैदा नहीं हुआ जो आपको रोक ले, हमारे  सत्ता में रहते. अफजल गुरु, दाउद इब्राहीम, मसूद अजहर, हाफिज सईद जैसे शान्ति दूतों के जन्म दिवस या पुण्य तिथि (उनके जो ७२ हूरों के पास चले गए हैं) आप सरकारी खर्चे और सुरक्षा में मना सकते हैं.
सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन तो मैंने आपको पहले हीं दे दिया था, अब अर्ध सैनिक बलों  को भी देंगे.
काश्मीर और अन्य आतंक प्रभावित इलाके से ज्यादातर सैनिकों को वापस बुलाएँगे, तमाम वैसे कानूनों को निरस्त करेंगे जिससे आतंकवादियों के हौसले को पस्त करता हो, अरे वो भी इंसान हैं, उन्हें भी पूरी आजादी है अपने विचार को लागू करवाने की, चाहे उसके लिए नागरिकों की हत्या हीं क्यूँ न करना पड़े, चाहे उसके लिए सैनिकों को गोली और पत्थर क्यूँ ना खाना पड़े. आतंकियों के मानवाधिकार की  सुरक्षा की पूरी गारंटी ली जायेगी. आखिर हमें विदेशों को जबाब देना पड़ेगा.
राष्ट्र का क्या है? बनता बिगड़ता रहता है.
 अब आप हीं देखिये- अखंड भारत आज भारत और पाकिस्तान बना हैं कि नहीं. अगर आगे और भी इस तरह के फैसले लेने पड़े तो हमारी पार्टी बिलकुल पीछे नहीं हटेगी, हम सुनिश्चित करेंगे कि अब्दुल्लाह साहब की मांग पर जम्मू एवं काश्मीर को अलग देश घोषित किया जाय और वहां के अलग राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री हों,ममता दीदी के मांग पर पश्चिम बंगाल और वामपंथियों के मांग पर केरला को भी स्वंतंत्र राष्ट्र घोषित किया जाएगा.
पर ये सब तभी हो सकता है 
                     जब आप लोग, जिन्हें ये सब चाहिए, 
मुझे वोट देकर प्रधानमंत्री बनायें, 
वरना मोदीराज में तो इसकी कल्पना करना भी गुनाह है. 
अरे इनकी बस चले तो पाकिस्तान और बांग्लादेश को भारत में मिला लें. 
अरे ये लोग तो मानवाधिकार के दुश्मन हैं दुश्मन.

SUSHANSAN
आपको पूर्ण भरोसा दिलाते हैं कि बोफोर्स, कॉमनवेल्थ, २जी, ३जी, से भी बड़े बड़े घोटालों को अंजाम देंगे और ट्रस्ट के माध्यम से देश की संपत्ति को अपनी संपत्ति बनायेंगे. हमारा पिछला रिकॉर्ड देखकर आपको हम पर भरोसा करना चाहिए. 
हम जो कहते हैं वो करते हैं. 
जब एक गाँधी की हैसियत मात्र में, मैं प्रधानमंत्री के बनाये अधिनियम को भी फाड़कर डस्ट बिन में फेंकने का माद्दा रखता हूँ तो समझ ही सकते हैं कि बाकी संस्थाओं की हालत कैसी कर देंगे, जब हम हीं प्रधान मंत्री रहेंगे. विश्वास मानिए किसी की नहीं, बस मां-बेटा, जीजा-दीदी के अलावा किसी और की चलने नहीं देंगें. ये हमारा वादा है.

SWABHIMAN
हम मम्मी और दीदी को देश के महत्वपूर्ण पदों पर बिठाकर देश की महिलायों का सम्मान में चार चाँद लगा देंगे. मैं ब्राह्मण बनकर , मुस्लमान बनाकर, पिछड़ा एवं दलित (All in one)  बनकर देश के प्रधानमंत्री पद पर जब बैठूँगा तो ये सारे भेद एक बार में हीं मिट जायेंगे. देश के ब्राह्मण खुश, अल्पसंख्यक खुश, पिछड़े एवं दलित खुश कि उनकी विरादरी का व्यक्ति आज देश का प्रधानमंत्री बना हुआ है. इससे सामजिक सौहार्द मजबूत होगा क्यूंकि आप शान से गा सकेंगे:

“तुझमें सब दिखता है, जानां हम क्या करें”

SAMMAN
आपके उत्तम स्वस्थ्य के हित में मोदी जी के आयुष्मान भारत योजना को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर देंगे. अरे ये भी कोई बात हुई हर गरीब अच्छे से अच्छे अस्पताल में मुफ्त इलाज करवाए. इससे उनके अन्दर  काम करने की और पैसे कमाने की अहमियत हीं खत्म हो जायेगी.
शिक्षा के अंतर्गत हम ऐसी बदलाव लायेंगे जिसके माध्यम से आप समझ पायेंगे कि आपके पूर्वज किस प्रकार अज्ञानी और मूढ़ थे जिसे बाहरी शासकों, खासकर मुगलों और अंग्रेजों ने जंगली से इन्सान बनाया ताकि आप अपनी औकात में बने रहें.
जहाँ तक सफाई की बात है तो तत्काल प्रभाव से नमामि गंगे, स्वच्छ भारत अभियान, खुले में सौच मुक्त भारत जैसे मोदी जी के प्रिय कार्यक्रमों को निरस्त करेंगे. अरे यार मोदी जी समझते नहीं, इस तरह के योजना से लोगों के खुले में सोच करने की आजादी भंग होती है और हम ये कतई बर्दास्त नहीं करेंगे. आपके सम्मान के लिए हमें जो भी करना पड़े करेंगे जरुर.

Disclaimer: This is just a parody and has no intent to malign image of any person or organization.



How to apply for enhanced Pension (EPS95) on EPFO web site: Pre 2014 retirees

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