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श्री मान रवीश कुमार, श्री मान राजदीप सरदेसाई एवं बरखा दत्त मैडम,
जय हिन्द,
यह जानकार बुरा लग रहा है कि सोशल मीडिया पर आप लोगों को अपशब्द
कहा जा रहा है और आपलोगों को परेशां किया जा रहा है. आप लोग वैसे लोगों के खिलाफ
कानूनी कार्रवाई करने के लिए शिकायत भी कर रहे हैं और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई
होनी भी चाहिए. हम ऐसे तत्वों की निंदा करते हैं और उनके साथ कभी खड़े नहीं होंगे
पर कुछ सवाल है जिसका जबाब आप लोगों को ही देना है:
१ 1.
बोलने कि आजादी (FOE)- आप लोग JNU प्रकरण
के दौरान जिस तरह से आजादी गैंग के साथ खड़े हो गए थे ऐसा लगता था जैसे वे लोग ही
आपके रोल मॉडल हैं और आप उन्हीं से उर्जा ग्रहण करते हैं. पर शायद आज आप बेहतर समझ
पायेंगे कि जब एक व्यक्ति को गाली देने से इतना दुःख होता है, जरा सोचिये जब ये
लोग भारत मां को गाली दे रहे थे तो देशवासियों के ऊपर क्या बितती होगी. और आप लोग क्या कर रहे थे? पुरे लाव
लश्कर के साथ पूरी दुनिया में उन गालियों को पहुँचाने कि कोशिश कर रहे थे. एक बात
तो हमेशा सत्य है कि दुसरे के दर्द को समझने के लिए कहीं न कहीं दर्द से गुजरना
पड़ता है. हमारे यहाँ कहावत है “ बाँझ कि जाने परसौत के हाल”.
२.
गालीबाज और पत्थरबाज – अब जरा आप सोचिये
गालीबाजों से आप लोग इतने परेशां हैं तो भारतीय सेना पत्थरबाजों से कितना परेशां
होती होगी, जिसका बचाव करने के लिए आप सारी हदें पार कर जाते हैं. आपको लगता है ये भटके हुए नागरिक हैं
और बातचीत से समस्या का समाधान हो सकता है. तो फिर गालीबाज भी भटके हए इंसान हो
सकते हैं और उनके साथ भी बातचीत से समाधान
निकल सकता था, फिर हो हल्ला किस बात की.
३.
सोशल मीडिया पर नियंत्रण : इन समस्याओं का
समाधान के लिए सोशल मीडिया पर नियंत्रण का तकनीक बनाना होगा और उसके लिए सरकार को
उचित क़ानून बनाना होगा. लेकिन मुझे पूरा बिश्वास है कि आप हीं लोग हैं जो सबसे
पहले आकर कैंडल मार्च निकालेंगे और पूरी
दुनिया को सर पर उठा लेंगे कि बोलने की आजादी छिनी जा रही है. आप लोग आजादी की मर्यादा को शायद समझ नहीं पा रहे हैं. बिना मर्यादा की आजादी अराजकता है.
४. गालीबाज किसी को बख्सते नहीं- जहाँ तक गालीबाजों की बात हैं तो आप ऐसा तस्वीर मत बनाइये कि एक खास तरह के लोग एक खास तरह के लोगों
को गाली दे रहे हैं. जी नहीं यहाँ तो लोग प्रधानमंत्री तक को इतनी भद्दी गाली दे
रहें हैं कि मेरा वश चले तो वो अभी के अभी अन्दर होते. लेकिन क्या करें? हमें
चाहिए आजादी गैंग ने भसड मचा रखी है.उदहारण आपके सामने है.
मेरी विनती है कि इस बात को
समझिये कि देश के खिलाफ बौद्धिक आक्रमण,
गालीबाजी, पत्थरबाजी में बस माध्यम और तरीके का फर्क है, असर सबमें बराबर होता है. वक्त
है हम इस तरह के सभी तत्वों को नियंत्रित करें और मेरा दर्द तुम्हारे दर्द से बड़ा
वाले सिद्धांत से बाहर निकलें. देश सर्वोपरी
जय हिन्द
जय भारत
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