Dhaaraa370

Showing posts with label #Troll. Show all posts
Showing posts with label #Troll. Show all posts

Friday, 16 August 2019

तेरा प्यार प्यार और मेरा प्यार ....


अरुण जेटली का हाल जानने शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एम्स पहुंचे.


आज जब असहिष्णुता गैंग एक  खास तस्वीर आप को दिखाने की कोशिश कर रही है कि  एक खास सोच के लोग सोशल मीडिया पर अलग सोच वालों की ट्रॉलिंग कर रहे हैं तो ऐसे में  हर जागरुक जनता का फर्ज है कि आपको किसी भी ऐसे एजेंडे से ख़बरदार रखे.

बीबीसी हिंदी ने एक खबर छपी - अरुण जेटली का हाल जानने शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एम्स पहुंचे.

उसपर  सोशल मीडिया में सहिष्णु लोगों की कैसी कैसी टिप्पणियां आई है, उसे देखकर आपको अंदाजा लग जाएगा कि जहर किस कदर भरा हुआ है?

मोहम्मद मोज़ाम्मिल: भगवान उनकी आत्मा को शांति दें.

शोकत अली : शुभ मुहूर्त कब निकला है?

शमा बुखारी : RIP advance....Dil khush ho gya.

ज़मीर खान : आज बुलेटिन जारी हो जाएगा क्या?

मिशल अंसारी : भावभीनी श्रद्धांजलि

मोहम्मद रजा : आज लगता है खबर आएगी, १५ अगस्त भी ख़तम हो चूका .

भाई इकबाल अहमद खान तो हद हीं कर दिए :  इसको अभी तक जलाए नहीं?

इकबाल बेला : सुषमा  के साथ जल्द मीटिंग होगी

शोकिन काजी खान दुआ करते हैं : भगवान इनकी आत्मा को शांति नहीं दे बल्कि हमेशा के लिए कैद करले.

सैयद मोहसिन अब्बास इसे धारा 370 से जोड़ते हुए देखते हैं : 370 की दूसरी क़ुरबानी के लिए देश तैयार रहे और एक ठहाके वाली ईमोजी .

करण राठी : RIP अगले जनम में कुत्ता बनना और वो भी गली का.

Md Imran Ansari : बहुत GST लगाया है अब इसका लगने वाला है GST

समसुल मालिक : मर .........( मां की गाली)

घटियापन का अंतहीन किस्सा है जो आपको और हमको बार आगाह करता है कि सोशल मीडिया पर ऐसे लोगों की कमी नहीं है, और ये किसी एक तरफ के नहीं है, बल्कि दोनों सोच वाले हैं.
इसलिए हममें किसी को भी ऐसे narrative का शिकार नहीं होना चाहिए कि एक खास वर्ग के लोग ट्रोल आर्मी बनाये हुए हैं और बाकी लोग victim हैं.

ये सारे टिपण्णी उस व्यक्ति के लिए है जो ICU में जीवन और मौत की लड़ाई लड़ रहा है.
आप अंदाजा लगा सकते हैं ये सहिष्णु लोग बाकी लोगों के लिए क्या क्या  लिखते होंगे.

Wednesday, 17 April 2019

Kanhiaya a framed personality




मोदी और शाह से देश को बचाना है 

आज हिंदुस्तान एक विचित्र राजनीतिक दौर से गुजर रहा है. देश को बचाने के लिए मानों राजनेताओं में होड़ लगी है. रंगमंच सजा हुआ है. सारे नौटंकीबाज अपने अभिनय से जनता को कुप्रभावित करने की पूरी कोशिश में लगे हैं.सब लोग हड्डी तोड़ मेहनत कर रहे हैं.

देशप्रेम के इस रोमांचक दौड़ में सबसे आगे और सबसे अभागे भी हैं, आपके धरती के सबसे बड़े लाल ...सलामी, प्रखर,प्रचंड एवं महा प्रपंची डॉक्टर कन्हैया कुमार. सुना है बचवा देश के बेगुसराय बार्डर पर देश बचाने की लड़ाई लड़ रहा है. अपने जिग्नेशों,अनिर्बानों और उम्र खालिदों को युद्ध के लिए तैयार करने के लिए दिए गए भाषण में जब वो बोल रहे थे, मेरे तो कान के आँखों से अविरल आंसू के धार बहने लगे. सेनापति जी कह रहे थे, “ आज लड़ाई पार्टी बचाने की नहीं हैं बल्कि देश के संविधान बचाने की है, लड़ाई लाल झंडा बचाने की नहीं है बल्कि तिरंगा झंडा बचाने की है, पार्टी आएगी जायेगी पर देश बचना चाहिए. ओह !इतना ओजस्वी और देशप्रेम से ओतप्रोत भाषण.

सच कहें बउआ  आप जे एन यु प्रांगण का याद दिला दिए. क्या फिजां था, क्या समां था क्या देशप्रेमियों का जमघट था.

‘बस रे बाऊ करेजा निकाल के कटोरा में रख दिए हो तुम “
एक बार तो  अफजलवो सोच रहा होगा कि कमिनागिरी का ये वाला पाठ तो हमने इसको सिखैवो नै किये थे.

असुर राज अपने गुरु शुक्राचार्य को अपने घर में पाकर भावुक हो गए. गुरु और शिष्य के लोमड़ मिलाप के दौरान हो रहे विधवा विलाप को देखकर पाताल लोक में उनके वंशजों का दुःख और कई गुना बढ़ गया होगा. असुरराज कह रहे थे, क्या कहें गुरुदेव बेगुसराय के घर घर में फ्रेम्ड सवाल पहले से हीं पहुंचा दिए गए हैं. जहाँ भी जाता हूँ सब मुझे देशद्रोही कह कर पुकारते हैं, टुकडे टुकडे गैंग कह कर दुत्कारते हैं. आप हीं बताइए ये भी कोई तरीका होता है चुनाव लड़ने का.

आइये कलियुगी कन्हैया के अन्दर झांक कर देंखें कि ये आखिर ऐसा है तो क्यूँ हैं?

हजारों दलितों के ऊपर अत्याचार होते रहे, कर्णाटक में दलित मजदूरों को बंधक बनाकर शारीरिक शोषण होता रहे, मध्यप्रदेश आदिवासी महिला को प्रताड़ित किया जाता रहे, आगरा में दलित को मार कर फेंक दिया जाए, इसको कोई फर्क नहीं पड़ता बाद एक रोहित वेमुला कह दिया कि दलित प्रेम प्रदर्शन का सारा कोटा पूरा.
हिंदुस्तान में कई पत्रकारों कि हत्या हो गई, सिवान में बाहुबली सहाबुद्दीन के द्वारा पत्रकार राजदेव रंजन की दर्दनाक हत्या करावा दि गई, कोई बात नहीं, उसका चर्चा नहीं करेंगे बस गौरी लंकेश कि हत्या पर घडियाली आंसू बहा कर अपनी राजनितिक रोटी सेंकते रहेंगे.
मोहम्मद अयूब पंडित, एक पोलिस अधिकारी  जम्मू में मस्जिद के बाहर लिंच कर मार दिया गया, रेशमा को उसके घर में घुसकर इसके टुकडे प्रेमी गैंग के आतंकवादियों ने घर में चाय भी पिया और गोलियों से भून दिया, उसकी कोई चर्चा नहीं, कोई चिंता नहीं. बस अखलाक कि चर्चा करके अल्पसंख्यक प्रेमी बनने कि नौटंकी करते रहेंगे.
अरे तुमसे ज्यादा फ्रेम्ड तो कोई हो नहीं सकता कन्हैया. लेकिन याद रखना ये जे एन यु नहीं बेगुसराय है,

यहाँ के छौडन भींगाता है, तब धोता है और आखिर में सूखाता भी है.
गर्मी तो महसूस कर हीं रहे होगे.

  नवादा विधान सभा में किसानों की आय दोगुनी करने की रणनीति एक स्थायी कृषि विकास योजना नवादा की कृषि को विविधीकरण , तकनीक अपनाने ,...