Step wise guide
A) Detailed steps.
1. Open EPFO pension application page using the link EPFO Pension application
The page will open as below

Have you ever thought, why all other religiions except #Sanatana considers only men as God? Straight from heart. Opinions are my personal and are in no way intended to hurt emotions of any person or organisation.
Step wise guide
A) Detailed steps.
1. Open EPFO pension application page using the link EPFO Pension application
The page will open as below
1. In case your old bank is Andhra Bank or Corporation Bank which is merged with Union Bank of India
To get new IFSC code customers can send SMS “IFSC<OLD IFSC>” to mobile number 09223008486
or
can contact Customer Care at 1800-208-2244/1800-425-1515/1800-425-3555
or
alternatively visit Union Bank of India website to find out new IFSC code
Please click here for new IFSC for erstwhile Corporation Bank branches
Please click here for new IFSC for erstwhile Andhra Bank branches
2. Please use given link to find out new IFSC code in case of your old Bank is Vijaya Bank
Which is merged with Bank of Baroda.
Click here for new IFSC for erstwhile Vijaya Bank
Which is merged with Bank of Baroda.
Click here for new IFSC for erstwhile Dena Bank
PMR
option for armed forces
Genesis: DMA after internal study felt that due to lesser vacancies, and certain service
restrictions, number of personnel were boarded out. Also, the super-specialists
and specialists who were highly trained for specific jobs in the service opted
out to work outside.
Therefore, “Loss
of highly skilled manpower leads to void within the Services skill matrix. For
the armed forces, this is counter-productive.” The review of pension
entitlements is based on this.
Remedies proposed
1. Proposed new
retirement age in Indian Army and equivalent posts in IAF and Indian Navy:
Colonels -57
yrs
Brigadier - 58
yrs
Major
General - 59 yrs
JCO & OR
– 57 years
50% of
entitled pension for 20-25 years of service.
60% of entitled
pension for 26-30 years of service.
75% of entitled
pension for 31-35 years of service.
Full pension for
35 years and above service.
Point of
view:
Remedy, most
importantly the best remedy will be the one which reduces or removes the root
cause of the problem. In instant case, the problem being faced by defence
forces as indicated by DMA is out flow of manpower due to following reason:
1. Lesser vacancies
2. Service restrictions
3. Super specialists and
specialists opting out to work out side.
Will the proposal
of DMA:
a. Increase vacancies in armed
forces?
b. Help in identifying those
service restrictions and remove or reform at least those which can be safely
done away with?
c. Stop Super specialist and specialist
from opting out to work outside.
I think
answer is a big “NO”.
In that case
what is the rationale behind such proposal? It seems there can be two possibilities.
Either reasons shown are wrong or remedy proposed is wrong. In both the cases
govt. of India must reject this proposal of DMA in totality and direct them to
do RCA (root cause analysis based on five Ws).
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और फेसबुक इंडिया (Facebook India)
डिजिटल सुरक्षा और ऑनलाइन कल्याण/Digital Safety and Online Well-being और आभासी वास्तविकता/Virtual Reality पर शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए डिजिटल प्रशिक्षण कार्यक्रम पेश कर रहें हैं।
पाठ्यक्रम नि: शुल्क हैं
a) डिजिटल सुरक्षा और ऑनलाइन कल्याण- यह कार्यशाला छात्रों को संभावित ऑनलाइन खतरों और उत्पीड़न की पहचान करने और प्रतिक्रिया देने और डिजिटल उपयोगकर्ताओं के जवाब देने में मदद करेगी। जो छात्र एक पूर्ण सत्र में भाग लेते हैं और मूल्यांकन में पास होते हैं उन्हें ऑनलाइन प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाएगा।
महत्वपूर्ण तिथियाँ:
आवेदन शुरू होने की तारीख: 6 जुलाई 2020
आवेदन की अंतिम तिथि: रोलिंग के आधार पर
यदि चयनित है, तो आप 30 जुलाई 2020 तक एक ईमेल प्राप्त करेंगे
सत्र की शुरूआत: 6 अगस्त 2020
6 अगस्त से, सोमवार से शुक्रवार तक प्रतिदिन
अगर आप VR प्रशिक्षण के लिए रजिस्टर करना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें
शिक्षक जो Digital Well Being के लिए रजिस्टर करना चाहते हैं, यहाँ यहाँ क्लिक करें
विद्यार्थी जो Digital Well Being के लिए रजिस्टर करना चाहते हैं, यहाँ क्लिक करें
🌕 पंचकोश साधना - Online Global Class - 30/09/2019 - प्रज्ञाकुंज सासाराम - प्रशिक्षक श्री लाल बिहारी सिंह "बाबूजी" 🙏
🌞 ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् 🌞
📽 Please refer the video uploaded on youtube.
📖 विषय. महोपनिषद् - द्वितीय अध्याय (नवरात्रि सत्र)
🎥 कक्षा संचालन. आ॰ अंकुर भैया। 💐
🌞 शिक्षक बैंच. आ० लाल बिहारी सिंह "बाबूजी"
🌸 परम तेजस्वी शुकदेव मुनि का पंचकोश गर्भावस्था में परिष्कृत हो चुका था| परमपूज्य गुरुदेव की माता जी भी जब गुरुदेव गर्भ में थे भागवत का पाठ - श्रवण, दान पुण्य आदि में निरत रहती थीं| गर्भावस्था में मां के:-
१. सात्विक भोजन से शिशु का अन्नमयकोश स्वस्थ/परिष्कृत
२. सूर्योपासना से प्राणमयकोश स्वस्थ
३. स्वाध्याय से मनोमयकोश स्वस्थ
४. परिवार में आत्मीयता/सहृदयता/सद्भावना से विज्ञानमयकोश स्वस्थ
🌸 शरीर को अयोध्या (जिसे कोई युद्ध में हरा ना सके) भी कहा गया है| अन्नमयकोश की साधना से हम शरीर को इतनी मजबूती प्रदान कर सकते हैं|
🌸 भेद दर्शनं अज्ञानं - भेद दर्शन अज्ञान है| आसक्ति ही निषेधात्मक चिंतन (Negative thoughts) है|
🌸 माता लक्ष्मी का आसन कमलासन है| अर्थात् जो स्थितप्रज्ञ है वही धनवान है| ज्ञानवान ही धनवान है, ज्ञानवान ही बलवान है, ज्ञानवान ही जिंदा है| स्थित प्रज्ञ ही कर्मों में लिप्त नहीं होता|
🌸 हमारे जो भी कार्य (duties, responsibilities) हैं उसे हम ईश्वरीय कार्य समझें| शरीर को स्वस्थ, बलवान, बुद्धिमान, प्रेमी (आत्मीय) बनाना भी हमारी duty है| जब हम ईश्वरीय कार्य समझ कर कार्य करेंगे तो प्रमाद आसक्ति आदि से सदैव दूर रहेंगे| ईशावास्योपनिषद् में इसे ही "तेन त्येक्तन भूंजीथा" कहा गया है|
🌸 महर्षि अरविंद ने स्थितप्रज्ञ को ही योग कहा है| वह कहते हैं -
१. शुद्धि - पंचकोश शुद्धि
२. मुक्ति - आत्मिक रूझान| हमने संसार को पकड़ रखा है ना कि संसार ने हमें| हमारी असफलता के लिए हमारे अलावा कोई भी जिम्मेदार नहीं है|
३. सिद्धि - स्थितप्रज्ञ|
🌸 लाखों जन्म की यात्रा को हमें एक ही जन्म में पूरा करना हो तो क्रियायोग (साधना) की आवश्यकता होती है|
🌸 मंत्र संख्यां ४१ - राजा जनक कहते हैं - हे परमज्ञानी शुकदेव जी,
👉 जो वासनाओं का निःशेष परित्याग कर देता है, वही वास्तविक श्रेष्ठ त्याग है उसी विशुद्धावस्था को ज्ञानीजनों ने मोक्ष कहा है|
👉 पुनः जो शुद्ध वासनाओं से युक्त है - जो अनर्थ शुन्य जीवन वाले हैं जो ज्ञेय तत्व के ज्ञाता हैं, वे ही मनुष्य पूर्ण जीवन मुक्त कहे जाते हैं|
✍ वासना (जो वास करता है) दो प्रकार के हैं -
१. अशुद्ध वासना का परित्याग
२. शुद्ध वासना - आदर्शों का संवर्धन
हमें असफलता मिलती है की हम एकपक्षीय (इकतरफा) सोचते हैं|
👉 पदार्थों की भावनात्मक दृढ़ता को ही बंधन और वासनाओं की क्षीणता को ही मोक्ष कहा गया है|
🌸 मंत्र संख्या ४२ - जिसे तप आदि साधना के अभावों में स्वभाववश ही सांसारिक भोग अच्छे नही लगते हैं वही जीवन मुक्त है|
🌸 मंत्र संख्या ४३ - जो प्रतिपल प्राप्त होने वाले सुखों या दुखों में आसक्त नहीं होते तथा जो ना हर्षित होता है और ना दुखी होता है वही जीवन मुक्त कहलाता है|
🌸 मंत्र संख्या ४४ - जो हर्ष, अमर्श, भय, काम, क्रोध एवं शोक आदि विकारों से मुक्त रहता है वही जीवन मुक्त कहलाता है|
🌸 मंत्र संख्या ४५ - जो अहंकार युक्त वासनाओं का अति सहजता से त्याग कर देता है तथा जो चित्त के अवलंबन में जो सम्यक रूप से त्याग भाव रखता है - वही जीवन मुक्त है|
🌸 मंत्र संख्या ५४ - जो ज्ञानी पुरूष खट्टे, चटपटे, कड़वे, नमकीन, स्वादयुक्त एवं आस्वाद को एक जैसा मानकर भोजन करता है वही जीवन मुक्त है|
Note - बिना तन्मात्रा साधना के मन के layer को पार नहीं किया जा सकता है|
🌸 श्रीकृष्ण अर्जून को कहते हैं - दुख तभी होगा जब मन का विषयों में चिपकाव होगा| संसार में सभी चीजें आनंद से भरी हैं आनंद लें किंतु चिपकें नहीं| दिमाग की खुजली अर्थात् सुख दुख विषय से चिपक जाना दुख का कारण है| स्थितप्रज्ञ अर्थात् संसार को पकड़ा तो भी आनंद में और संसार को छोड़ा तो भी आनंद में|
(🤔 हर हाल मस्त - हर चाल मस्त)
🌸 सर्वकर्मनिराकरणंआवाहनं - सभी कर्मों का disposal (आसक्ति रहित निर्वहन) ही आवाह्न है| हम अपनी किसी भी duty को ईश्वर से अलग ना समझें - बस चिपकें नहीं - disposal करते रहें| स्थितप्रज्ञ वाले layer में लाने के लिये श्रीकृष्ण ने अर्जून को गीता का द्वितीय पाठ समझाया| कर्म करें लेकिन उसकी बंधनकारी माध्यम पाप-पुण्य में ना फंसे|
(🤔 निर्वाण! क्रिया होती है किंतु प्रतिक्रिया नहीं होती है
🌞 ॐ शांतिः शांतिः शांतिः - अखंडानंदबोधाय - जय युगॠषि श्रीराम 🙏
🌕 पंचकोश साधना - Online Global Class - 01/10/2019 - प्रज्ञाकुंज सासाराम - प्रशिक्षक श्री लाल बिहारी सिंह "बाबूजी" 🙏
🌞ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्🌞
📽 Please refer the video uploaded on youtube.
📖 विषय. महोपनिषद् - द्वितीयोध्याय (नवरात्रि सत्र)
🎥 कक्षा संचालन - आ॰ अंकुर भैया। 💐
🌞 शिक्षक बैंच. आ० लाल बिहारी सिंह "बाबूजी" 🙏
🌸 परम तेजस्वी शुकदेव मुनि परम पद को प्राप्त कर चूके थे| वो राजा जनक के पास उसके प्रमाणिकता के लिये गये थे| राजा जनक परम सन्यासी कहे जाते हैं|
🌸 याज्ञवल्क्य ॠषि ब्रह्म ज्ञानियों में श्रेष्ठ थे| उन्होंने हर एक ज्ञानेनद्रियों में भी ब्रह्म का साक्षात्कार किया था| संसार के हर परिवर्तनशील सत्ता में एक अपरिवर्तनशील चैतन्य सत्ता विद्यमान है जिसे ज्ञान/प्रज्ञा के नेत्रों से देखा जा सकता है|
🌸 संत कबीरदास जी आनंदमयकोश के layer को पार कर लिये थे| वो कहते हैं -
साधो! सहज समाधि भली।
गुरु प्रताप भयो जा दिन से सुरति न अनंत चली॥
आँखन मूँदूँ कानन रुँदूँ, काया कष्ट न धारुँ।
खुले नयन से हँस-हँस देखूँ सुन्दर रुप निहारुँ॥
कहूँ सोई नाम, सुनूँ सोई सुमिरन, खाउँ पीउँ सोई पूजा गृह उद्यान एक सम लेखूँ भाव मिटाउँ दूजा॥
जहाँ - जहाँ जाऊँ सोई परिक्रमा जो कछु करूं सो सेवा।
जब सोउँ तब करूं दंडवत, पूजूँ और न देवा॥
शब्द निरंतर मनुआ राता, मलिन बासना त्यागी।
बैठत उठत कबहूँ न विसरै, ऐसी ताड़ी लागी॥
कहै कबीर यह उन मनि रहनी सोई प्रकट कर गाई।
दुख सुख के एक परे परम सुख, तेहि सुख रहा समाई॥
🌸 श्री कृष्ण कहते हैं - हे अर्जुन आप युद्ध भी करो और मेरा स्मरण भी| युद्ध means duty. योगस्थः कुरू कर्मणि|
(🤔 स्मरण means peace, happiness, balance ....)
🌸 आसक्ति ही मृत्यु है| जीवन में उतार चढ़ाव की कैसी भी स्थिति रहे, मन को संतुलित रखना योग है| इसे अच्युतावस्था कहते हैं|
🌸 गुरूदेव ने कहा है स्वादेन्द्रिय और जननेन्द्रिय को साधना अति दुष्कर है| महोपनिषद् (मंत्र संख्या ५४) - जो ज्ञानी पुरूष खट्टे, चटपटे,कड़वे, नमकीन, स्वादयुक्त एवं अस्वाद को एक जैसा मानकर भोजन करता है वही जीवन मुक्त है|
स्वाद की कोई अपनी सत्ता नहीं होती है| एक ही भोजन का भूखे पेट और पेट भरने के बाद स्वाद अलग हो जाते हैं| मनपसंद भोजन का नाम सुनते ही मूंह में पानी आ जाता है| उसका taste memory में save रहता है| सारे taste आकाश में विद्यमान हैं| दूध को जला कर खोये बनाते हैं तो खोये का एक बड़ा भाग आकाश में चला जाता है| रस तन्मात्रा की साधना में योगी आकाश से मनोवांछित उपयुक्त रसों को ले लेते हैं|
नीम के छाल का काढ़ा एक बार पीने से ६ महीने तक बुखार नहीं होने देते| Antibiotics बूरे के साथ ही साथ अच्छे जीवाणु को भी मारता है, जबकि नीम बुरे जीवाणु को मारता है और अच्छे जीवाणु को support करता है|
रस तन्मात्रा साधना में अच्छी चीजें को चख कर उसे अपने subconscious mind में save कर लेंवें और लाभान्वित करने वाली कड़वी चीजें का सेवन करते समय Honey जैसे मीठे taste को memorise कर नीम को शहद की तरह सेवन कर सकते हैं|
🌸 शब्द तन्मात्रा साधना - अगर किसी के शब्द हमारे विचार के प्रतिकूल हैं तो हमें उस विचार पर त्राटक करना चाहिए| शब्दो वै ब्रह्मा - शब्द ही ब्रह्म है तो उनके शब्द हमें कष्ट क्यों महसुस हुआ, अर्थात् हमारे साधना में कमी है|
👉 वाक्य - शब्दों के मेल को वाक्य कहते हैं| अतः वाक्य को समझने के लिये शब्दों पर त्राटक कीजिये|
👉 शब्द - अक्षरों के मेल को शब्द कहते हैं| अतः शब्द को समझने के लिये अक्षरों पर त्राटक कीजिये|
👉 अक्षर - अ + क्षर अर्थात् जिसका क्षर (क्षय) नहीं किया जा सके वो कौन है - परब्रह्म|
❤️ परमपूज्य गुरुदेव कहते हैं आत्मसुधार ही संसार की सबसे बड़ी सेवा है| महर्षि रमन बिना बोले ही विश्व की सारी शंकाओं का समाधान करते थे| गुरुदेव ने विश्व की सारे लाइब्रेरी के पुस्तकों के भाष्य लिख डाले| हिमालय में तपस्यारत् ॠषि सत्तायें वहीं से सारे संसार का कल्याण कर रही हैं|
🌸 अग्नि हमें तेजस्विता प्रदान करती है|
🌸 महोपनिषद् (मंत्र संख्या ५७) जो उद्वेग और आनंद से रहित हो (सुसंतुलित मनःस्थिति| यहां आनंद रहित अर्थात सुख - दुख आदि विषयों से उतपन्न आनंद को छोड़ने की बात हो रही है|)
तथा जो शोक और हर्षोल्लास में समान भाव एवं परिष्कृत बुद्धि से संपन्न हो|
🌸 क्षुधा - पिपासा पर नियंत्रण| किसी भी अवस्था में संतुलित रहें| भावों पर भी कालिमा चढ़ती है - विज्ञानमयकोश की साधना में हम भावों के कचरे को हटाते हैं| खाना नही मिला - सारे घर को आसमान पर उठा लिया जैसे सभी लोग आपके नौकर चाकर बैठे हैं|
🌸 महोपनिषद् (मंत्र संख्या - ६०) जिसने संसारिक विषयों की प्राप्ति की कामना का त्याग कर दिया है जो चित्त में रहते हुए भी चित्त रहित हो गया है वही पुरूष जीवनमुक्त है|
नवादा विधान सभा में किसानों की आय दोगुनी करने की रणनीति एक स्थायी कृषि विकास योजना नवादा की कृषि को विविधीकरण , तकनीक अपनाने ,...