🌕 पंचकोश साधना - Online Global Class - 01/10/2019 - प्रज्ञाकुंज सासाराम - प्रशिक्षक श्री लाल बिहारी सिंह "बाबूजी" 🙏
🌞ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्🌞
📽 Please refer the video uploaded on youtube.
📖 विषय. महोपनिषद् - द्वितीयोध्याय (नवरात्रि सत्र)
🎥 कक्षा संचालन - आ॰ अंकुर भैया। 💐
🌞 शिक्षक बैंच. आ० लाल बिहारी सिंह "बाबूजी" 🙏
🌸 परम तेजस्वी शुकदेव मुनि परम पद को प्राप्त कर चूके थे| वो राजा जनक के पास उसके प्रमाणिकता के लिये गये थे| राजा जनक परम सन्यासी कहे जाते हैं|
🌸 याज्ञवल्क्य ॠषि ब्रह्म ज्ञानियों में श्रेष्ठ थे| उन्होंने हर एक ज्ञानेनद्रियों में भी ब्रह्म का साक्षात्कार किया था| संसार के हर परिवर्तनशील सत्ता में एक अपरिवर्तनशील चैतन्य सत्ता विद्यमान है जिसे ज्ञान/प्रज्ञा के नेत्रों से देखा जा सकता है|
🌸 संत कबीरदास जी आनंदमयकोश के layer को पार कर लिये थे| वो कहते हैं -
साधो! सहज समाधि भली।
गुरु प्रताप भयो जा दिन से सुरति न अनंत चली॥
आँखन मूँदूँ कानन रुँदूँ, काया कष्ट न धारुँ।
खुले नयन से हँस-हँस देखूँ सुन्दर रुप निहारुँ॥
कहूँ सोई नाम, सुनूँ सोई सुमिरन, खाउँ पीउँ सोई पूजा गृह उद्यान एक सम लेखूँ भाव मिटाउँ दूजा॥
जहाँ - जहाँ जाऊँ सोई परिक्रमा जो कछु करूं सो सेवा।
जब सोउँ तब करूं दंडवत, पूजूँ और न देवा॥
शब्द निरंतर मनुआ राता, मलिन बासना त्यागी।
बैठत उठत कबहूँ न विसरै, ऐसी ताड़ी लागी॥
कहै कबीर यह उन मनि रहनी सोई प्रकट कर गाई।
दुख सुख के एक परे परम सुख, तेहि सुख रहा समाई॥
🌸 श्री कृष्ण कहते हैं - हे अर्जुन आप युद्ध भी करो और मेरा स्मरण भी| युद्ध means duty. योगस्थः कुरू कर्मणि|
(🤔 स्मरण means peace, happiness, balance ....)
🌸 आसक्ति ही मृत्यु है| जीवन में उतार चढ़ाव की कैसी भी स्थिति रहे, मन को संतुलित रखना योग है| इसे अच्युतावस्था कहते हैं|
🌸 गुरूदेव ने कहा है स्वादेन्द्रिय और जननेन्द्रिय को साधना अति दुष्कर है| महोपनिषद् (मंत्र संख्या ५४) - जो ज्ञानी पुरूष खट्टे, चटपटे,कड़वे, नमकीन, स्वादयुक्त एवं अस्वाद को एक जैसा मानकर भोजन करता है वही जीवन मुक्त है|
स्वाद की कोई अपनी सत्ता नहीं होती है| एक ही भोजन का भूखे पेट और पेट भरने के बाद स्वाद अलग हो जाते हैं| मनपसंद भोजन का नाम सुनते ही मूंह में पानी आ जाता है| उसका taste memory में save रहता है| सारे taste आकाश में विद्यमान हैं| दूध को जला कर खोये बनाते हैं तो खोये का एक बड़ा भाग आकाश में चला जाता है| रस तन्मात्रा की साधना में योगी आकाश से मनोवांछित उपयुक्त रसों को ले लेते हैं|
नीम के छाल का काढ़ा एक बार पीने से ६ महीने तक बुखार नहीं होने देते| Antibiotics बूरे के साथ ही साथ अच्छे जीवाणु को भी मारता है, जबकि नीम बुरे जीवाणु को मारता है और अच्छे जीवाणु को support करता है|
रस तन्मात्रा साधना में अच्छी चीजें को चख कर उसे अपने subconscious mind में save कर लेंवें और लाभान्वित करने वाली कड़वी चीजें का सेवन करते समय Honey जैसे मीठे taste को memorise कर नीम को शहद की तरह सेवन कर सकते हैं|
🌸 शब्द तन्मात्रा साधना - अगर किसी के शब्द हमारे विचार के प्रतिकूल हैं तो हमें उस विचार पर त्राटक करना चाहिए| शब्दो वै ब्रह्मा - शब्द ही ब्रह्म है तो उनके शब्द हमें कष्ट क्यों महसुस हुआ, अर्थात् हमारे साधना में कमी है|
👉 वाक्य - शब्दों के मेल को वाक्य कहते हैं| अतः वाक्य को समझने के लिये शब्दों पर त्राटक कीजिये|
👉 शब्द - अक्षरों के मेल को शब्द कहते हैं| अतः शब्द को समझने के लिये अक्षरों पर त्राटक कीजिये|
👉 अक्षर - अ + क्षर अर्थात् जिसका क्षर (क्षय) नहीं किया जा सके वो कौन है - परब्रह्म|
❤️ परमपूज्य गुरुदेव कहते हैं आत्मसुधार ही संसार की सबसे बड़ी सेवा है| महर्षि रमन बिना बोले ही विश्व की सारी शंकाओं का समाधान करते थे| गुरुदेव ने विश्व की सारे लाइब्रेरी के पुस्तकों के भाष्य लिख डाले| हिमालय में तपस्यारत् ॠषि सत्तायें वहीं से सारे संसार का कल्याण कर रही हैं|
🌸 अग्नि हमें तेजस्विता प्रदान करती है|
🌸 महोपनिषद् (मंत्र संख्या ५७) जो उद्वेग और आनंद से रहित हो (सुसंतुलित मनःस्थिति| यहां आनंद रहित अर्थात सुख - दुख आदि विषयों से उतपन्न आनंद को छोड़ने की बात हो रही है|)
तथा जो शोक और हर्षोल्लास में समान भाव एवं परिष्कृत बुद्धि से संपन्न हो|
🌸 क्षुधा - पिपासा पर नियंत्रण| किसी भी अवस्था में संतुलित रहें| भावों पर भी कालिमा चढ़ती है - विज्ञानमयकोश की साधना में हम भावों के कचरे को हटाते हैं| खाना नही मिला - सारे घर को आसमान पर उठा लिया जैसे सभी लोग आपके नौकर चाकर बैठे हैं|
🌸 महोपनिषद् (मंत्र संख्या - ६०) जिसने संसारिक विषयों की प्राप्ति की कामना का त्याग कर दिया है जो चित्त में रहते हुए भी चित्त रहित हो गया है वही पुरूष जीवनमुक्त है|
Have you ever thought, why all other religiions except #Sanatana considers only men as God? Straight from heart. Opinions are my personal and are in no way intended to hurt emotions of any person or organisation.
Dhaaraa370
Friday, 11 October 2019
Global classes 01.10.1
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