Dhaaraa370

Wednesday 26 December 2018

धर्मनिरपेक्षता का राजनीतिकरण:Politicization of Secularism

धर्मनिरपेक्षता
"धर्मनिरपेक्षता" शायद "सेक्स" शब्द के बाद दूसरा शब्द है जो हिंदुस्तान में बोलचाल में सबसे ज्यादा प्रयोग होता है. कभी कभार तो ऐसा माहौल बन जाता है जैसे कि देश में प्रजातंत्र खतरे में है और अगर इसे नहीं बचाया गया तो यहाँ भी फासीवाद लागू हो जाएगा.

हालाँकि, थोड़े से अध्ययन के पश्चात जो मुझे समझ में आया वो मैं तथ्य के साथ रखने कि कोशिश कर रहा हूँ. धर्मनिरपेक्षता कि जब भी बात आती है तो हमारे समझ में एक हीं बात आती है कि अल्पसंख्यकों के  धार्मिक आजादी पर आघात हो रहा है. फिर अल्पसंख्यकों
कि बात आती है तो बात सामान्य तौर पर मुस्लिम समाज से जुड़ कर रह जाती है. जब कि सच यह है कि हिन्दू हिंदुस्तान के ६ राज्यों में अल्पसंख्यक हैं और सिख, इसाई, जैन, बुद्ध और पारसी तो लगभग हर राज्य में अल्पसंख्यक हैं. तो फिर ऐसी क्या बात है कि अल्पसंख्यक और मुसलमान समानार्थी हो गए हैं, धर्मनिरपेक्षता सिर्फ इन्हीं दो धर्मों के बीच उलझ कर रह गया है?

अगर हम इस तरह के चर्चाओं /घटनाओं का विश्लेष्ण करें तो एक बात स्पष्ट समझ में आने लगती है कि इस तरह के चर्चा गरम होने का वक्त भी निश्चित होता है और स्थान भी.  और इसका  सीधा सम्बन्ध राजनीति से होता है ना कि धर्मनिरपेक्षता से.

इसे समझने के लिए सर्वप्रथम हमें हिंदुस्तान के जनसँख्या वितरण को समझना होगा. आइये देखें हमारे देश में विभिन्न धर्मों का राज्यवार  जनसँख्या वितरण कैसा  है?



राज्य  धार्मिक बहुलता  हिन्दू  मुस्लिम 
Mizoram क्रिस्चियन  2.75% 1.35%
Sikkim हिन्दू 57.76% 1.62%
Punjab सिक्ख  38.49% 1.93%
Arunachal Pradesh क्रिस्चियन 29.04% 1.95%
Chhattisgarh हिन्दू 93.25% 2.02%
Orissa हिन्दू 93.63% 2.17%
Himachal Pradesh हिन्दू 95.17% 2.18%
Nagaland क्रिस्चियन 8.75% 2.47%
Dadra and Nagar Haveli हिन्दू 93.93% 3.76%
Meghalaya क्रिस्चियन 11.53% 4.40%
Chandigarh हिन्दू 80.78% 4.87%
Tamil Nadu हिन्दू 87.58% 5.86%
Puducherry हिन्दू 87.30% 6.05%
Madhya Pradesh हिन्दू 90.89% 6.57%
Haryana हिन्दू 87.46% 7.03%
Daman and Diu हिन्दू 90.50% 7.92%
Goa हिन्दू 66.08% 8.33%
Manipur हिन्दू 41.39% 8.40%
Andaman and Nicobar Islands हिन्दू 69.45% 8.52%
Tripura हिन्दू 83.40% 8.60%
Rajasthan हिन्दू 88.49% 9.07%
Andhra Pradesh हिन्दू 88.46% 9.56%
Gujarat हिन्दू 88.57% 9.67%
Maharashtra हिन्दू 79.83% 11.54%
Delhi हिन्दू 81.68% 12.86%
Karnataka हिन्दू 84.00% 12.92%
Uttarakhand हिन्दू 82.97% 13.95%
Jharkhand हिन्दू 67.83% 14.53%
Bihar हिन्दू 82.69% 16.87%
Uttar Pradesh हिन्दू 79.73% 19.26%
Kerala हिन्दू 54.73% 26.56%
West Bengal हिन्दू 70.54% 27.01%
Assam हिन्दू 61.47% 34.22%
Jammu and Kashmir मुस्लिम  28.44% 68.31%
Lakshadweep मुस्लिम  2.77% 96.58%

अब अगर धार्मिक विवादों का भौगोलिक विश्लेषण करेंगे तो पायेंगे कि उन राज्यों में जहाँ मोटा मोटी मुस्लिम जनसँख्या १०% या उससे ऊपर हैं (अर्थात जहाँ राजनितिक समीकरण में फेरबदल करने कि उनकी क्षमता है ) वहां ऐसे मुद्दे ज्यादा उठते हैं. तो क्या बाकी राज्यों में धर्मनिरपेक्षता कि समस्या नहीं है या  फिर यह मुद्दा राजनीतिक बिसात में फिट नहीं बैठता है?

सच तो यही है कि राजनीतिक दल अपनी रोटी सेंकने के लिए मासूम जनता को धार्मिक आधार पर बांटने कि कोशिश करती है और इसमें काम आते हैं वो एजेंट जो विभिन्न धार्मिक समुदाय के करीबी होने का दावा ठोंकते हैं. ऐसे एजेंटों को उनके ताकत अनुसार विधायक या सांसद का पद मिल जाता है, नहीं तो पार्षद या किसी समिति का अध्यक्ष तो बन ही जाते हैं. मरती है वो जनता तो इनके कुत्सित जाल में फंस जाती है. 

दंगे फसाद जब भी होते हैं, उसमे मरते कौन हैं? उसमे वो लोग मरते हैं जो अपने आपको सामान्य शहरी मानते हैं. चाहे वो इस धर्म के हों या उस धर्म के. कुछ असामाजिक तत्त्व क़ानून को अपने हाथ में इसलिए लेने में सफल हो जाते हैं क्यूंकि हम उन्हें रोकने में अपनी भूमिका नहीं निभाते. हम सामान्य शहरी घटनाओं को मूर्तरूप लेने देते हैं और फिर अपने द्वारा खोदे गए कब्र में खुद दफ़न हो जाते हैं या अपने हीं लगाये गए आग में भस्मीभूत हो जाते हैं. 

वक्त के चाल को समझें और अपने आपको राजनितिक शिकार होने से बचाएं. नाम कोई भी ले लें इन्हें न तो हिन्दू धर्म की रक्षा से लेना है न मुस्लिम धर्म की रक्षा से. जरुरत है कि अगर कोई हिन्दू उठकर यह कहे कि मुसलमानों का सफाया करके हीं हिन्दू धर्मं कि रक्षा हो सकती है तो उसका विरोध करना चाहिए और अगर कोई मुसलमान  यह कहे कि १५ मिनट में हम हिन्दुओं का सफाया कर देंगे तो उसका भी विरोध करना चाहिए. 

सरकारें आएँगी जायेंगी, राजनीतिक समीकरण बदलता रहेगा लेकिन देश हर हाल में चलते रहना चाहिए.
जय हिन्द

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